Team Limitless celebrates Independence Day 2018
A day which is all about joy, happiness, and freedom must be celebrated as such! And when Limitless family gets together to celebrate Independence Day, laughter and cheers are guaranteed. But this year, the celebration was not just about fun, food, and remembering our martyrs; it was also about appreciating the awesome people who work with us. Presenting…
A special mention goes to our very own शरदेन्दु सुल्लेरे – “नवल-किरन” for penning down a wonderful and though-provoking poem for the occasion. Take a look:
आज़ादी का मतलब क्या है, ये मुझको समझाओ |
पिछली बार हँसे थे कब, ये मुझको बतलाओ ||
आपाधापी-भागादौड़ी का सजा यहाँ बाज़ार है |
बिना लोभ और बिना मोह के करता न कोई व्यवहार है ||
जेब की रोटी के चक्कर में, पेट की रोटी भूल रहे |
काम, क्रोध, मद, मोह, लोभ में, न जाने कितने झूल रहे ||
परम सत्य है मृत्यु फिर भी, जीवन पर अभिमान है |
रंग, रूप, रस, गंध, स्वाद में, फंसा हुआ इंसान है ||
ए भारत की संतान उठो, मैं तुम्हें जगाने आया हूँ |
वीर शिवाजी, झाँसी रानी का परिचय बतलाने आया हूँ ||
लक्ष्य बनाओ जीवन का, इस जीवन का उद्धार करो |
स्वस्थ बनो-संकल्प करो, इस वैतरणी को पार करो ||
चिंता को बदलो चिंतन में, साहस-पहल-प्रयोग करो |
धर्मधुरी पर पृथ्वी स्थिर, तुम भी तो कुछ धैर्य धरो ||
मत घबराओ विपदाओं से, पराजय भी स्वीकार करो |
कहाँ रह गयी कमी सुधारो और फिर से तुम हुंकार भरो ||
“नवल-किरन” की यही प्रार्थना, मातृभूमि का मान धरो-मातृभूमि का मान धरो…